नमस्कार दोस्तों जैसा कि हम सभी जानते हैं कि गेहूं की अच्छी पैदावार के लिए सिंचाई करना बहुत जरूरी होता है, यदि सिंचाई समय से न की जाए तो काफी उत्पादन घट जाता है। तो आज हम इसी के बारे में बात करेंगे कि कि गेहूं की फसल में कितनी बार पानी देना पड़ता है और पानी देने का सही समय क्या है, तो चलिये शुरू करते हैं।
फिलहाल देखा जाए तो पूरे देश में गेहूं की बुवाई हो चुकी है। गेहूं की सिंचाई समय से होना बहुत जरूरी होता है यदि सिंचाई ज्यादा जल्दी या फिर देर से होती है तो इसका सीधा प्रभाव गेहूं की बढ़वार पर पड़ता है। यदि गेहूं की बढ़वार ठीक से ना हो तो इससे गेहूं का उत्पादन काफी घट जाता है।
यदि बात करें गेहूं में पहली सिंचाई की तो आमतौर पर 21 दिन के आसपास में पहली सिंचाई करना चाहिए क्योंकि इस समय गेहूं में नई जड़ें, कल्ले और शाखाएं निकलती हैं तो इस समय पहली सिंचाई आवश्यक होती है।
यदि गेहूं में पीलापन है और फसल कमजोर है तो आप 21 दिन की बजाय 18 से 20 दिन पर भी सिंचाई कर सकते हैं।
कृषि विज्ञानकों का भी कहना है कि यदि गेहूं में सिंचाई सही समय पर ना हो या ठीक ढंग से ना हो तो इससे उत्पादन पर बहुत बुरा असर पड़ता है। गेहूं में जल प्रबंधन बहुत ही महत्वपूर्ण प्रक्रिया है और गेहूं की अच्छी फसल के लिए लगभग 40 सेंटीमीटर पानी की आवश्यकता होती है। यदि देखा जाए तो गेहूं की फसल में सामान्य तौर पर 4 से 6 सिंचाई की आवश्यकता पड़ती है वहीं यदि रेतीली भूमि है तो 6 से 8 सिंचाई तथा भारी दोमट मिट्टी में 3 से 4 सिंचाई पर्याप्त होती है।
गेहूं की बुवाई से लेकर कटाई तक पूरी अवधि में 35 से 40 सेंटीमीटर पानी की आवश्यकता होती है। गेहूं की जड़ों के विकास तथा बलियो के निकलने के समय में सिंचाई बहुत ही जरूरी होती है, इस समय यदि सिंचाई सही समय पर ना हो पाए तो उपज पर बहुत विपरीत प्रभाव पड़ता है इसीलिए गेहूं की फसल में सिंचाई का विशेष ध्यान रखना आवश्यक होता है।