कुछ जैविक कीटनाशक जो की फसलों पर बहुत ही कम समय में अच्छा असर करती हैं।

 नमस्कार दोस्तों कृषि टेक में आपका स्वागत है। 

जैसा की हम सभी देखते आ रहे है की आजकल खेती किसानी में कीटों का बहुत अधिक प्रकोप बढ़ रहा है, जिसके लिए हम फसल की बुवाई से लेकर कटाई तक रासायनिक कीटनाशकों का प्रयोग करते है, और उसका असर ये हो रहा है की आज हमारे खेतों की मिटटी में, अनाज, पानी सबकुछ में रासायनिक कीटनाशक की मिलावट हो चुकी है। इससे हर घर में कोई न कोई बीमार आपको देखने को मिल ही जायेंगे। 



तो यदि आप इन सब बीमारियों से बचना चाहते हैं तो आप रासायनिक कीटनाशकों की जगह इन जैविक कीटनाशकों का प्रयोग करें, इससे न तो फसल बीमार होगी  और न ही हम आप। 

तो चलिए शुरू करते हैं:-

 किसी भी फसल में इल्ली से छुटकारा पाने की दवा:-

आवश्यक सामग्री:- 1 किलोग्राम छिला हुआ लहसुन, 200 ग्राम मिट्टी का तेल, 2 किलोग्राम हरी मिर्च 

बनाने की विधि:- 1 किलोग्राम छिला हुआ लहसुन पीसकर 200 ग्राम मिट्टी के तेल में रात भर भिंगोकर रख देना है फिर सुबह 2 किलोग्राम हरी मिर्च में पीसकर मिला देते हैं इसके बाद 200 लीटर पानी में मिलाकर अपनी फसल पर छिड़काव करें।

फायदा:- इसे किसी भी फसल में प्रयोग करने पर किसी भी प्रकार की इल्ली और सुंडी से छुटकारा पाया जा सकता है। इसे किसी भी फसल पर 15 दिन के अंतराल में प्रयोग करते रहने से इल्ली और सुंडी फसल पर नहीं लगती है।  

 किसी भी फसल में लग रहे कीटों से छुटकारा पाने की दवा:-

आवश्यक सामग्री:- 5 लीटर गौमूत्र, 40-50 निर्गुन्डी के पत्तों को 10 लीटर पानी में उबालने से 1 लीटर बचने वाला घोल, 10 ग्राम हींग का 1 लीटर पानी में घुला हुआ घोल   

बनाने की विधि:- 5 लीटर गौमूत्र, 1 लीटर निर्गुण्डी का रस एवं 1 लीटर हींग पानी को 10 लीटर पानी के साथ मिलाकर फसल में छिड़काव करें। 

फायदा:- इसे किसी भी फसल में प्रयोग करने पर किसी भी प्रकार के कीड़ों से छुटकारा पाया जा सकता है। इसे किसी भी फसल पर 15 दिन के अंतराल में प्रयोग करते रहने से किसी भी प्रकार के कीट फसल पर नहीं लगते है।  


माहु व मच्छर से छुटकारा पाने की दवा:-

आवश्यक सामग्री:- 5 लीटर गौ मूत्र, 40-50 निर्गुन्डी के पत्तों को 10 लीटर पानी में उबालने से 1 लीटर बचने वाला घोल, 10 ग्राम हींग का 1 लीटर पानी में घुला हुआ घोल   

बनाने की विधि:- 5 लीटर गौमूत्र, 1 लीटर निर्गुण्डी का रस एवं 1 लीटर हींग पानी को 10 लीटर पानी के साथ मिलाकर फसल में छिड़काव करें। 

फायदा:- इसे किसी भी फसल में प्रयोग करने पर किसी भी प्रकार के कीड़ों से छुटकारा पाया जा सकता है। इसे किसी भी फसल पर 15 दिन के अंतराल में प्रयोग करते रहने से किसी भी प्रकार के कीट फसल पर नहीं लगते है।  

तो दोस्तो यदि आप इन जैविक कीटनाशकों को उपयोग में लाते हैं तो आप बड़ी ही आसानी से और काफी कम खर्चे में कीटों से छुटकारा पा सकते हैं।

ये जैविक कीटनाशक खेती में उपयोग करने से न तो फसलों पर कोई हानिकारक प्रभाव पड़ता है और न ही इंसानों पर। इसलिए हमें इन कीटनाशकों का फसलों में उपयोग करना चाहिए।

धन्यवाद।

जय जवान जय किसान

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